बहुब्रीहि समास

 बहुब्रीहि समास - जिस समास के दोनों पद गौण हों तथा अर्थ की दृष्टि से कोई अन्य पद प्रधान हो , बहुब्रीहि समास कहलाता है !

जैसे -:  

चतुरानन - चार हैं आनन जिसके अर्थात ब्रह्म


चतुर्भुज - चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु 



दशानन - दस हैं आनन जिसके अर्थात रावण 


वीणापाणि - वीणा हैं हाथ में जिसके अर्थात माँ सरस्वती 


त्रिनेत्र - तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात शिवजी 


लंबोदर - लम्बा है उदर जिसका अर्थात गणेशजी ।।

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