भारत के नागरिक के मूल कर्त्तव्य !
भारत का संविधान
भाग 04 क
नागरिकों के मूल कर्त्तव्य
अनुच्छेद 51 क.
मूल कर्त्तव्य - भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा की वह -
( क ) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों , संस्थाओं , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे ;
( ख ) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करें ;
( ग ) भारत की संप्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें ;
( घ ) देश की रक्षा करे और आव्हान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें ;
( ड. ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म , भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो , ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो महिलाओं के सम्मान के विरुध्द हो ;
( च ) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे;
( छ ) प्राकृतिक पर्यावरण की , जिसके अंतर्गत वन , झील , नदी और वन्य जीव हैं , रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे ;
( ज ) वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे ;
( झ ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे ;
( न ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे , जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई उंचाईयों को छू सके
( ट ) यदि माता - पिता या संरक्षक है , छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने यथास्थिति बालक या प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करे !
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