अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं।

Dear students in this video we are going to learn अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं 
ध्यान दीजिए-

1. राम पुस्तक पढ़ रहा है।
2. राम पुस्तक नहीं पढ़ रहा है।
3. शायद राम पुस्तक पढ़ रहा है।
4. राम पुस्तक पढ़ो।
5. अच्छा! राम पुस्तक पढ़ रहा है।

 ऊपर लिखे वाक्यों को देखिए। इन वाक्यों के पढ़ने पर इनके अर्थ अलग-अलग निकलते हैं।
 पहले  वाक्य में ' राम पुस्तक पढ़ रहा है'  मात्र सूचना मिलती है।
 दूसरे वाक्य में ' पुस्तक नहीं पढ़ रहा है '  में कार्य के निषेध होने का बोध है।
 तीसरा वाक्य '  शायद ' के कारण संदेह की भावना प्रकट करता है तो चौथे वाक्य में ' पढ़ो '  से आज्ञा का बोध होता है।  पांचवा वाक्य '  अच्छा!' के माध्यम से विस्मय का भाव प्रस्तुत करता है। 
इस प्रकार अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं-
 
(१) विधानवाचक वाक्य - जिस वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने का बोध होता है उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं। 
जैसे- (1) रमेश ने खाना खाया।
       (2) राधा का भाई आने वाला है।

(२) निषेधवाचक वाक्य - जिन वाक्यों में किसी कार्य के निषेध का बोध होता है निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।
 जैसे- (1) मैं पढ़ नहीं रहा हूँ।
         (2) वह चल नहीं सकता है।

(३)  प्रश्नवाचक वाक्य - जिन वाक्यों से मूल में कुछ जानने की इच्छा होती है, उत्तर की अपेक्षा रहती है। ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं।
जैसे- (1) तुम्हारा नाम क्या है ?
        (2) तुम क्या कर रहे हो ?

(४) संदेहवाचक वाक्य - जिन वाक्यों से संदेह या शंका का भाव प्रकट होता है, उन्हें सन्देहवाचक वाक्य कहतें हैं।
जैसे - (1) वह शायद कल मेरे घर आए।
        (2) सम्भवत: बरसात हो ।

(५) आज्ञावाचक वाक्य - जिन वाक्यों से आज्ञा या आदेश का बोध होता है वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं। 
जैसे - (1) अब तुम जाओ।
         (2) आप चुप रहिए।

(६) इच्छा वाचक वाक्य - इस प्रकार के वाक्य में इच्छा , शुभ भावना या आशीर्वाद का भाव लक्षित होता है अर्थात वक्ता अपने लिए या दूसरों के लिए किसी ना किसी इच्छा के भाव को प्रकट करता है।
जैसे - (1) ईश्वर तुम्हें सुख व समृद्धि दें।
        (2)  आपकी यात्रा शुभ हो ।

(७) संकेतवाचक वाक्य - जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में किसी न किसी शर्त का उल्लेख होता है।
जैसे - (1) यदि मैं आता तो मैं चला जाता।
        (2) अगर तुम परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे।
(८) विस्मयवाचक वाक्य - इन वाक्यों में विस्मय,आश्चर्य,घृणा,प्रेम,हर्ष,शोक आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मय वाचक वाक्य कहतें हैं।
जैसे - (1) अरे! तुम कब आए।
        (2) ओह! बड़ा जुल्म हुआ।


और भी जानिए - 
जब किसी एक वाक्य को दूसरे वाक्य में बदलना हो तब विराम चिन्हों का विशेष ध्यान रखा जाता है। जिस प्रकार का वाक्य लिखा जाए उसमें उसी प्रकार के विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाएगा-
जैसे - 1. तुम कल जाओगे। ( आज्ञा वाचक )
अब इस वाक्य को यदि प्रश्नवाचक वाक्य में बदलना है तो इस प्रकार लिखेंगे - 
 क्या तुम कल जाओगे ?
यदि इस वाक्य को विश्व में बोधक वाक्य में बदलना है तो लिखिए - 
ओह! तुम कल जाओगे। 



निम्नलिखित वाक्यों को पढ़कर अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद लिखिए - 

1. शायद आप परेशान हो जाएँ।
2. क्या यही रात है ?
3. अध्यक्ष गंभीर किस्म का प्राणी होता है।
4. आप इस पर विचार करें।
5. आएगा नहीं तो जाएगा कहाँ।
6. अध्यक्षता करने नहीं जाते हैं।
7. यदि सूर्य हमारे देश में पहले  उगता है तो रात भी पहले यहाँ होती है।
8. ईश्वर आपका भला करे।


निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए - 

1. अध्यक्ष महोदय मुस्कराने लगे। (प्रश्नवाचक वाक्य में)
2. अध्यक्ष सुख की नींद सोता है। ( निषेधात्मक में)
3. आप परेशान हो जाएंगे । (संदेह वाचक में)
4. अच्छे अध्यक्ष प्रमुख वक्ता से असहमत होते हैं। (संकेत वाचक में)
5. कितना अद्भुत दृश्य है। (विस्मय वाचक वाक्य में) 


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