मातृभाषा व विभिन्न भाषाएँ

                               मातृभाषा 
जब किसी परिवार में कोई बच्चा जन्म लेता है ,तो सबसे पहले वह अपनी माँ के सम्पर्क में आता है ! 
अपनी माँ से वह जो भाषा सीखता है , उस भाषा को ही बालक की मातृभाषा कहा जाता है ! प्रत्येक व्यक्ति पर मातृभाषा का गहरा प्रभाव पड़ता है ! वह अपनी मातृभाषा को जीवनभर नहीं भूलता !

                                  विभिन्न भाषाएँ 
 विश्व में अनेक भाषाएँ बोली जाती है, जैसे - जर्मन , चीनी , रूसी , फ़्रांसिसी , अंग्रेजी , अरबी , फारसी , हिंदी आदि ! लेकिन भारत विश्व में अकेला ऐसा देश है जिनके राज्यों में भी अलग अलग भाषाएँ बोली और लिखी जाती है ! अतः भारत के संविधान में बाईस (22) भाषाओँ को मान्यता प्रदान की गयी है - हिंदी , कश्मीरी , डोंगरी , पंजाबी, उर्दू , बांग्ला, असमी ,ओड़िया , गुजराती , तेलगु , तमिल , कन्नड़ , मलयालम , संस्कृत, सिंधी , नेपाली , कोंकणी , मराठी , संथाली , बोडो, मैथिली , तथा मणिपुरी ! इन भाषाओँ के अतिरिक्त अंग्रेजी भी हमारे देश की प्रमुख भाषा है !
हिंदी  हमारी राजभाषा है , 14 सितम्बर 1949 में भारतीय संविधान के अनुसार इसे भारत संघ की राजभाषा के रूप में भी स्वीकार किया गया !भारत  के सबसे बड़े भू - भाग पर बोले जाने के कारण इसका विश्व में तीसरा (3 ) स्थान है !


संजय सेन 

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