गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन परिचय कक्षा 10वीं तथा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण एवं उपयोगी
कवि परिचय-: गोस्वामी तुलसीदास
युग दृष्टा गोस्वामी तुलसीदास जी भक्ति काल के प्रतिनिधि कवि हैं। भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्य बोध के चितेरे तुलसीदास का जन्म मध्य युग की विषम परिस्थितियों में माता हुलसी तथा पिता आत्माराम दुबे के घर उत्तर प्रदेश के राजापुर गांव में श्राावण शुक्ला सप्तमी संवत 1589 को हुआ।
अशुभ मूल नक्षत्र में जन्म लेने के कारण वे माता-पिता के द्वारा परित्यक्त हुए।
रामचरितमानस, कवितावली , दोहावली, गीतावली ,विनय पत्रिका ,जानकी मंगल , पार्वती मंगल, राम लल्ला नह्छू तुलसीदास जी के प्रमाणिक ग्रंथ हैं।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार तुलसीदास जी जीवनगाथा के कवि हैं। मनुष्य के संपूर्ण भाव एवं व्यवहार पर उनको मजबूत पकड़ है। तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के द्वारा श्री राम के लोक रंजक एवं लोक मंगल स्वरूप को प्रतिष्ठित किया है। राम राज्य के माध्यम से आदर्श राज्य की स्थापना उनके काव्य का प्रमुख उद्देश्य है जो आज भी प्रासंगिक है। इस महाकाव्य में समाज के प्रत्येक संबंध के मर्यादित आदर्श स्वरूप के दर्शन सहज ही हो जाते हैं। इसी कारण तुलसीदास जी जन जन के मन में बसे हैं।
रामचरितमानस की रचना करके युग कवि ने जहां तत्कालीन विषम परिस्थितियों में शिव एवं वैष्णव के मतभेदों को समाप्त करके उन्हें एकता के सूत्र में बांधा वहीं लोकमानस में कर्तव्य बोध की अभिप्रेरणा ने नवीन दृष्टि उत्पन्न की। रामचरितमानस युग युगांतर तक समाज को नव जीवन प्रदान करने में सक्षम है।
तुलसीदास जी सच्चे अर्थों में करुणा के कवि हैं।
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