मुहावरों का वर्गीकरण
हिन्दी व्याकरण
मुहावरों का वर्गीकरण - मुहावरों का व्यापक संसार है ! पौराणिक सन्दर्भों , लोक व्यवहारों , मनोभावों और प्राकृतिक गतिचक्रों को व्यक्त करने वाले मुहावरे अधिक संख्या में प्रचलित हैं!
अस्तु इनका निम्लिखित रूप में वर्गीकरण किया जा सकता हैं :-
अंगवर्ती मुहावरे - सिर पर कफ़न बाँधना , आँख लाल -पीली करना , कान पर जूँ तक न रेंगना , पेट में चूहे कूदना , दाँत किटकिटाना , सिर मुँडाते ही ओले गिरना आदि !
प्रतिमूलक - आकाश के तारे तोड़ना , ईद का चाँद होना , सब्ज बाग़ दिखाना , पहाड़ टूट पड़ना आदि !
कूटनीति विषयक - अपना उल्लू सीधा करना , ईंट का जवाब पत्थर से देना , दाल में काला होना , आस्तीन का साँप , आटा - दाल का भाव पता चलता आदि !
मनोविकार विषयक - मन के लड्डू खाना , फूट - फूटकर रोना , हवाई किले बनाना , चेहरे पर हवाइयां उड़ना आदि !
पौराणिक मुहावरे - द्रोपदी का चीर होना , भीष्म प्रतिज्ञा करना , श्री गणेश करना , अंगद का पैर होना आदि !
संख्यावाचक मुहावरे - एक ही थैले के चट्टे - बट्टे , दो टके की बात करना , पाँचो अँगुलिया घी में रहना , चार दिन की चाँदनी , नौ-दो ग्यारह होना , लम्बे हाथ होना , बैठे बैठे मक्खी मारना आदि !
लोक-व्यवहार विषयक - बहती गंगा में हाथ धोना , उल्लू सीधा करना , गड़े मुर्दे उखाड़ना , टोपी उछालना आदि !
प्रेरणामूलक मुहावरे - तलवार की धार पर चलना , बीड़ा उठाना , जौहर दिखाना , दौड़ -धूप करना आदि !
उपालंभ विषयक मुहावरे - चूड़ियाँ पहनना , फब्तियाँ कसना , आटे - दाल का भाव मालूम होना , राई का पहाड़ बनाना आदि !
विविध - पसीना - पसीना होना , कसौटी पर कसना आदि !
कुछ प्रचलित मुहावरे
- अंग - अंग ढीला होना - बहुत थक जाना !
- अँधेरे घर का उजाला - एकमात्र पुत्र !
- अंधे की लाठी - बेसहारे का एकमात्र सहारा !
- आँख खुलना - होश में आना !
- अंगूठा दिखाना - मना करना !
- आँख का तारा - बहुत प्यारा !
- आँखों में धूल झोंकना - धोखा देना !
- आग बबूला होना - बहुत गुस्सा होना !
- अगर - मगर करना - टाल - मटोल करना !
- अक्ल का दुश्मन - बेवकूफ , मूर्ख !
- अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि मारी जाना !
- आटे -दाल का भाव मालूम होना - वास्तविकता का ज्ञान होना !
- ईंट से ईंट बजाना - नष्ट कर देना !
- ईद का चाँद होना - बहुत दिनों बाद दिखाई देना !
- उलटी गंगा बहाना - नियम के विरुद्ध काम करना !
- ऊँगली उठाना - दोषारोपण करना !
- कमर कसना - कार्य करने को तैयार होना !
- कान का कच्चा होना - दूसरों की बात पर शीघ्र विश्वाश कर लेना !
- कान भरना - चुगली करना !
- काला मुँह होना - बदनाम होना !
- गाल बजाना - बेकार की बाते करना !
- गले का हार - प्रिय वस्तु !
- गुदड़ी का लाल - निर्धनता में उत्पन्न प्रतिभाशाली व्यक्ति !
- गड़े मुर्दे उखाड़ना - बीती बातों को याद दिलाना !
- गर्दन पर छुरी फेरना - अत्याचार करना !
- गले पड़ना - इच्छा न होते हुए भी रखना !
- गागर में सागर भरना - थोड़े में बहुत कुछ कहना !
- गुड़ गोबर करना - काम बिगाड़ना !
- गोबर गणेश - बिल्कुल मूर्ख !
- घाट - घाट का पानी पीना - बहुत जगहों का अनुभव होना !
- घी के चिराग जलाना - खुशियाँ मनाना !
- घोडा बेचकर सोना - निश्चिंत रहना !
- घाव पर नमक छिड़कना - दुखी को और दुखी करना !
- चार दिन की चाँदनी - थोड़े समय की सम्पन्नता !
- चिकना घड़ा - जिस पर किसी बात का असर नहीं , निर्लज्ज !
- चाँद पर थूकना - बड़े लोगों की व्यर्थ निंदा करना !
- चूड़ियाँ पहनना - कायर होना !
- चुल्लू भर पानी में डूब मरना - अत्त्यन्त लज्जित होना !
- चैन की बंशी बजाना - आराम से जीवन बिताना !
- छक्के छुड़ाना - बुरी तरह हराना !
- छाती पर साँप लोटना - ईर्ष्या करना !
- छाती पर मूँग दलना - जी दुखाना !
- छटी का दूध याद आना - बड़ी परेशानी में पड़ना !
- जले पर नमक छिड़कना - दुखी को और दुखी करना !
- जहर का घूँट पीना - अपमान सह जाना !
- टाँग अड़ाना - दूसरों के काम में दखल देना !
- टेढ़ी खीर - कठिन कार्य !
- टका - सा जवाब देना - साफ इंकार कर देना !
- टोपी उछालना - अपमान करना !
- ठन - ठन गोपाल - जेब खाली !
- डकार जाना - हजम कर जाना !
- डंके की चोट पर कहना - खुले आम कहना !
- ढिंढोरा पीटना - प्रचार करना !
- तलवे चाटना - खुशामद करना !
- तीन - तेरह होना - तितर बितर होना !
- तिल का ताड़ बनाना - बात का बतंगड़ बनाना !
- थूककर चाटना - बात कहकर मुकर जाना !
- चाँदी का जूता मारना - धन देकर काम करवाना !
- दंग रह जाना - आश्चर्यचकित होना !
- दाँत खट्टे करना - पराजित करना !
- दाल में काला होना - संदेहजनक बात करना !
- दाँतों तले ऊँगली दबाना -हैरान हो जाना !
- दाँत काटी रोटी - गहरी दोस्ती होना !
- दाल न गलना - वश न चलना !
- दिल भर जाना - दया आ जाना !
- धूल चटाना - परास्त करना !
- धज्जियाँ उड़ाना - दुर्गति करना !
- नाक भौं सिकोड़ना - नफरत प्रकट करना !
- नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना !
- नाक रगड़ना - खुशामद करना !
- नाकों चने चबाना - परेशान करना !
- नमक - मिर्च लगाना = बढ़ाचढ़ाकर कहना !
- हक्का बक्का रह जाना - आश्चर्य में पड़ जाना !
- पाँचों उँगलियाँ घी में होना - बहुत लाभ होना !
- पत्थर की लकीर - अमिट होना !
- पगड़ी उछालना - अपमान करना !
- पापड़ बेलना - कई तरह के कष्ट उठाना !
- पौ बारह होना - मौज होना !
- बाल की खाल निकालना - अनावश्यक रूप से दोष निकालना !
- बांयें हाथ का खेल - बहुत सरल काम !
- बग़लें झाँकना - निरुत्तर हो जाना !
- बाल - बाल बचना - मुश्किल से बच जाना !
- मुट्ठी भर - बहुत थोड़े से!
- मक्खी मारना - बेकार बैठे रहना !
- मैदान मारना - जीत जाना !
- मुट्ठी गरम करना - रिश्वत देना !
- मुँह फुलाना - नाराज होना !
- लकीर का फ़क़ीर होना - पुरातन पंथी होना !
- लोहा मानना - किसी की शक्ति स्वीकार करना / श्रेष्ठता स्वीकार करना !
- लोहे के चने चबाना - कठिन कार्य करना !
- हिरन हो जाना - भाग जाना !
- श्री गणेश करना - प्रारम्भ करना !
- सब्ज बाग़ दिखाना - लालच देकर बहकना !
- साँप को दूध पिलाना - दुष्ट का उपकार करना !
- रोड़े अटकना - रूकावट डालना !
- रंग में भंग डालना - मजा ख़राब कर देना !
- शेखी बघारना - ढींग मारना
- हाथ - पाँव फूलना = भयभीत होना !
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