Rahim ke Dohe With Hindi Meaning || Rahim ke Niti ke dohe Hindi Arth Sahit

Lea रहीम के 30 दोहे अर्थ सहित

रहीम के 30 दोहे अर्थ सहित

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। टूटे पे फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय॥
प्रेम का संबंध बहुत कोमल होता है, इसे तोड़ना आसान है पर टूटने के बाद जुड़ जाए तो भी उसमें गाँठ रहती है। इसलिए प्रेम संबंध में कटुता न लाएँ।
बड़ी बात रहिमन, कहे छिपाई नाहीं जाय। रहस्य कहाँ तक छिपे, रसना बाहर आय॥
मनुष्य यदि किसी बड़ी बात को छिपाने की कोशिश भी करे तो वह नहीं छिप सकती, एक दिन प्रकट हो ही जाती है।
रहिमन विपदा हू भली, जो थोड़े दिन होय। हित अनहित या जगत में, जान परत सब कोय॥
संक्षिप्त समय के लिए आई विपत्ति भी उचित है, क्योंकि इसके कारण असली मित्र व शत्रु की पहचान हो जाती है।
रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजै डारि। जहाँ काम आवै सुई, कहा करे तरवारि॥
रहिम कहते हैं छोटे लोगों को तुच्छ मत समझो। बड़ी तलवार जहाँ काम नहीं करती, वहाँ छोटी सुई भी काम आ सकती है।
जैसी परे सो सहि रहै, नदी नाव न व्यापत। रहीम तिनकीकाज में, जो निभावैं आपत॥
जो लोग परस्थितियों में धैर्य से सहन करते हैं, संकट भी उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाता।
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कही रहीम परमारथी, साधुन धरा सुजान॥
जैसे पेड़ अपने फल स्वयं नहीं खाता और सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीता, वैसे ही सज्जन लोग दूसरों के लिए जीते हैं।
रहिमन निज संपत्ति बिनु, ब्यापक दान न होय। होत कहाँ है दीप की, ज्योति बिना उपकार॥
दान करने के लिए पहले अपने पास सम्पत्ति होना आवश्यक है। जैसे दीपक के पास ज्योति होगी तभी वह रोशनी फैला सकेगा।
देनहार कोऊ और है, भेजत जो दिन-रैन। लोग भरम हम पर करैं, तासों नीच न कोय॥
ईश्वर ही दाता है, वही सबको देता है। पर लोग समझते हैं कि हमने दिया इसलिए लोग भ्रम में रहते हैं।
रहिमन कड़वे बोल से, चाहत टलिहि न कोय। кірित लागे ओषधि, कटु बचन सो होय॥
कटु और कठोर वचन किसी भी परिस्थिति को सुधार नहीं सकते। जैसे तेज औषधि रोग को ठीक करने की बजाय हानि पहुँचाती है।

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