Always Respect Our Parents True Story Writing in Hindi
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✧ ★ श्राद्ध कर दिया ★ ✧
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अपने लिए एक शर्ट ले ली जाए,
पिता ने ऐसा विचार किया।
फिर बेटे का जन्मदिन याद आया,
पिता ने अपनी शर्ट के विचार का
👉 श्राद्ध कर दिया।
सारा दिन खटती माँ की आँखें,
नींद से बोझल हो रही थीं।
तभी उसने बेटे के बुखार को
महसूस किया, और माँ ने फौरन
अपनी नींद का
👉🏽 श्राद्ध कर दिया।
फटा हुआ जर्जर बैग पीठ पर लादे,
पिता ने नए बैग का स्वप्न देखा।
फिर बेटे के कॉलेज का ...
खर्च याद आया, पिता ने
अपने नए बैग के स्वप्न का
👉 श्राद्ध कर दिया।
हमेशा पीठ दर्द की शिकायत थी,
माँ ने वाशिंग मशीन का ख्वाब देखा।
बेटे की स्मार्टफोन की जिद देख,
माँ ने वाशिंग मशीन के ख्वाब का
👉🏽 श्राद्ध कर दिया।
पिता की चप्पल जर्जर हालत में थी,
नए जूते खरीदने का मन बनाया।
लेकिन .. बेटे के स्पोर्ट शूज के लिए,
पिता ने अपने जूतों के ख्वाब का
👉 श्राद्ध कर दिया।
अब पिता वृद्धाश्रम में है,
और माँ .. स्वर्गवासी हो चुकी है।
बेटे के भविष्य के लिए,
जीवन में न जाने कितने श्राद्ध
उन्होंने कर दिए।
कुछ साल बाद बेटा
माँ-बाप का श्राद्ध कर रहा था।
पिंड बनाकर पत्तों पर रख रहा था।
आ-आ कहकर
कौओं को बुला रहा था.
तभी दो कौए वहाँ पहुँचे, और
खुशी-खुशी पिंड खाने लगे।
मृत्यु के बाद भी,
बेटे की खुशी की खातिर,
दोनों ने अपने आत्मसम्मान का
👉🏽 श्राद्ध कर दिया।
★
एक पिता ....
अपनी मौत से नहीं डरता,
उसे हमेशा यही फ़िक्र रहती है , कि
उसके न रहने पर
उसके बच्चों का क्या होगा ?
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धरती पर रूप माँ-बाप का,
उस विधाता की पहचान है।
टिप्पणियाँ
आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल॥
अर्थ
क्या किया जाय इस पगली जीभ का, जो न जाने क्या-क्या उल्टी-सीधी बातें स्वर्ग और पाताल तक की बक जाती है। खुद तो कहकर मुहँ के अन्दर हो जाती है, और बेचारे सिर को जूतियाँ खानी पड़ती हैं।
गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष।।