कितनी अच्छी बात
सभी भैया,बहन इस कविता को याद करेंगें तथा अपने घर के सदस्यों को गाकर सुनाएंगे ।
कविता -: कितनी अच्छी बात (पाठ-10)
कितनी अच्छी बात,सुनो जी कितनी अच्छी बात।
सदा चाँद,चाँदनी लुटाता,
झरना सब की प्यास बुझाता।
पेड़ सदा सबको फल देते,
सूरज संग उजाला लाता।
खुद जल कर, देता दीपक-सा, अंधकार को मात।
कितनी अच्छी बात, सुनो जी कितनी अच्छी बात।
ठीक समय पर मौसम आते,
अपना-अपना रंग जमाते।
लाते जो सौगात साथ में,
बड़े प्यार से सब दे जाते।
इनके साथ खेलते रहते देखो जी दिन-रात,
कितनी अच्छी बात, सुनो जी कितनी अच्छी बात।
प्यारे बच्चों इस कविता की रचना कृष्ण 'शलभ' जी ने की है।
(BPS SCHOOL BIAORA)
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